Home / अभिनव राजस्थान / अभिनव राजस्थान अभियान और राजनीति का खेल.

अभिनव राजस्थान अभियान और राजनीति का खेल.

'अभिनव राजस्थान' कोई राजनैतिक दल बने तो ?
इसकी राजस्थान में सरकार बन जाये तो ?
तो क्या 'अभिनव राजस्थान' बन जायेगा ?
कभी नहीं ! ( बहुत ईमानदारी से कह रहा हूँ . कारण ? नीचे पढ़ें )

कल को हम कह दें कि हम तो जनजागरण कर रहे थे, असली लोकतंत्र और विकास के लिए परन्तु व्यवस्था में जमी ताकतों ने हमारा रास्ता रोके रखा और हमारे पास और कोई चारा नहीं था ! कोई विकल्प ही नहीं बचा जी ! हमें अपना दल बनाना पड़ा जी, मजबूरी में ! 'अभिनव राजस्थान' जो बनाना है ! और लोग कहेंगे कि हम तो पहले से कहते थे कि केजरीवाल रीपीट होगा ! क्यों ऐसा करें. अगर चुनावी काम के लिए संगठन बनाना है तो बनायें, इसमें बुरा नहीं है. पर पहले कुछ कहें और बाद में कुछ करें तो जनता का विश्वास उठता है. हमने इसी वजह से कोई औपचारिक संगठन ही नहीं बनाया है ! न पद , न कोई फंड, अफंड, झंझट !

मित्रों, तर्क-कुतर्क की कोई सीमा नहीं है पर यह मान लें कि जब तक औसत भारतीय लोकतंत्र और विकास के सही मायने नहीं समझेगा, कोई भी दल बना लो, हमारा उद्धेश्य पूरा नहीं होगा. अगर हमारा उद्धेश्य लोकतंत्र की स्थापना से विकास करना है तो.

मान लीजिए कि मैं मुख्यमंत्री बन जाता हूँ, ऐसी ही स्थिति में तो. तो कुछ नहीं होगा. मैं सत्ता में बने रहने के सब जतन करूँगा. भाषण ऊंचे आदर्शों के दूँगा पर अंदरखाने समझौते सीख लूँगा. ऐसे में लोकतंत्र की बात करने वालों से मेरा झगड़ा होना शुरू हो जाएगा ! मैं कुतर्क देकर अपनी बात को जायज ठहराऊंगा. 'अभिनव राजस्थान' की बात फिर गौण हो जायेगी.

भारत में ऐसे प्रयोग खूब हो लिए. अब बस. अब मूल काम हो जाए. नागरिकता का बोध. और यह हो गया तो कोई भी सरकार में होगा, बहुत अधिक फर्क नहीं होगा. विकास की गति बन जायेगी. और हम यही तो चाहते हैं.

RSS के माननीय सर संघचालक मोहन राव भागवत जी ने नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा भी था कि एक व्यक्ति पर निर्भर हो जाने से भारत विकसित नहीं होगा. अगर भारत प्राचीन काल में महान देश था तो वह इसलिए था क्योंकि एक औसत भारतीय ज्ञानवान था, कर्मयोगी था और लोकतंत्र की भाषा बोलता था.

तो क्या मेरी कोई राजनैतिक महत्वाकांक्षा नहीं है ? नहीं जी, राजनैतिक बिल्कुल नहीं, लोक नैतिक महत्वाकांक्षा है. मुझे तो राजनीति शब्द से ही परहेज है. चुनाव या अन्य जिम्मेदारी के लिए मेरी पार्टी, भाजपा, मुझे मौका देगी तो मैं निभाऊंगा परन्तु 'अभिनव राजस्थान' और 'अभिनव भारत' की कीमत पर नहीं. लोकनीति की कीमत पर नहीं. और अगर मौका न मिला तो ? तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अभी एक दशक से मैं पार्टी में हूँ न, कब काम की गति कम हुई है ? अपनी ऊर्जा, संसाधनों और आप मित्रों के दम पर यह यात्रा अंतिम सांस तक ऐसे ही जारी रहेगी. जो भी लोग शासन में होंगें, उन्हें जागरूकता के बल पर देशहित में कम करने को अधिकार भाव से कहेंगे और वे यह करेंगे. विश्वास है.

जो मित्र भाजपा से इतर विचारधारा रखते हैं, वे अपने दलों से चुनाव लड़ें, क्या हर्ज है. पर ——-

असली लोकतंत्र और विकास का गान हर गली में, हर घर में हो, यही लक्ष्य है.

(आप कमेन्ट बॉक्स में खुलकर सीधे और संक्षिप्त प्रश्न पूछ सकते हैं. बस विषय से न भटकें. जागरूकता यहीं से शुरू होनी चाहिए, समूह में लोकतंत्र यहाँ भी तो हो !)

वंदे मातरम !

About Dr.Ashok Choudhary

नाम : डॉ. अशोक चौधरी पता : सी-14, गाँधी नगर, मेडता सिटी , जिला – नागौर (राजस्थान) फोन नम्बर : +91-94141-18995 ईमेल : ashokakeli@gmail.com

यह भी जांचें

आज से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं राहत महसूस कर रही होंगी

आज से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं राहत महसूस कर रही होंगी ! ‘भीड़’ जुटाने के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *