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अभिनव राजस्थान

अवतारवाद से जनजागरण की ओर,
                                   जनजागरण से स्वशासन की ओर,
                                                                    स्वशासन से वास्तविक विकास की ओर

हमारे लक्ष्य 
1. राजस्थान को भारत का सबसे समृद्ध प्रदेश बनाना।
2. भारत को विश्व की प्रमुख ताकत बनाना।
हमारे उद्देश्य 
1. राजस्थान के कृषि एवं उद्योग के उत्पादन को बढ़ाना,
                                        तभी हम वास्तविक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।
2. समृद्धि के साथ प्रकृति और संस्कृति का संगम बनाना,
                                       ताकि हमारा विकास स्थाई बना रह सके।
3. राजस्थान में एक जिम्मेदार नेतृत्व विकसित करना,
                                      जो राजस्थान और भारत की मजबूती के प्रति समर्पित हो।
4. जनता में सुनहरे भविष्य की आशा का भाव जगाना,
                                      जिससे नवनिर्माण में वह पूरे मन से भागीदार बन सके।
5. राजस्थान को एक बड़े परिवार का रूप देना,
                                       जिससे सहकार की भावना जीवन शैली में फिर से उतर सके।

हमारी रणनीति 
1. सघन जनजागरण से वास्तविक विकास का माहौल बनायेंगे,
                                      पूरे प्रदेश की जनता में विकास की भूख जगायेंगे।
2. समन्वित तरीके से नयी योजनाएं बनायेंगे,
                                      प्रमुख विषयों पर एक साथ काम कर वांछित परिणाम लायेंगे।
3. सामूहिक रूप से परिवर्तन पर जोर देंगे,
                                      व्यक्तिगत स्तर पर भारत में परिवर्तनों की हिम्मत कम होती है।
4. आलोचना की बजाय विश्लेषण की भाषा बोलेंगे,
                                      सकारात्मकता से हृदय परिवर्तन का प्रयास करेंगे।
5. तथ्यों पर आधारित बातें करेंगे,
                                     गलत धारणाएँ बदलकर समाधानों तक पहुंचेंगे।
वर्तमान स्थिति 
1. राजस्थान 50 वर्षों से चल रही योजनाओं के बाद भी आज भारत के पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। जो राजस्थान मध्य काल तक भारत की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ था, वही आज दया का पात्र बन गया है। उत्पादन का स्तर अभी भी निम्न है। झूठे आंकड़े जुटाने के बाद भी विकास दर 5 प्रतिशत भी नहीं रह पा रही है।
2. अँग्रेजी राज में बड़ी संख्या में यहाँ से पूँजीपति पलायन कर गए थे। आज भी वह दौर जारी है। पूँजीपतियों के साथ-साथ कामगार भी प्रदेश छोड़ कर लगातार जा रहे हैं। गुजराती या मराठी राजस्थान नहीं आ रहे ,परन्तु राजस्थानी वहाँ जाकर बसने में अपना भला समझते हैं। इसी से उन प्रदेशों से हमारी पीड़ादायक तुलना की जा सकती है।
3. राजस्थान के नेतृत्व में विकास की दृष्टि का पूर्ण अभाव रहा है। राजस्थान को समृद्ध प्रदेश बनाने की कोई सोच या योजना नहीं दिखाई दे रही है। जैसे तैसे राज में रहने की जुगत में दोनों राजनैतिक दल लगे हैं। केवल केंद्रीय योजनाओं या विदेशी उधार से प्रदेश चलाने की कोशिश में 1 लाख करोड़ का कर्ज राजस्थान पर चढ़ गया है।
4. राजस्थान का समाज फजूलखर्जी का आदि हो चुका है। ऐसा लगता है जैसे पूरा समाज जीमने-जीमाने को ही जीवन का सबसे प्रमुख कार्य मानता है। झूठी शान में गाढ़ी कमाई फूंकने का तमाशा, परिवारों की और प्रदेश की पूँजी स्वाहा कर रहा है। दूसरी ओर शिक्षा के केंद्र अपना अर्थ खोते जा रहे हैं। अधिकांशतः अनावश्यक ज्ञान का सृजन हो रहा है और जो आवश्यक ज्ञान सृजित हो रहा है, उसका उपयोग उत्पादन कम होने के कारण नहीं हो पा रहा है।
5. प्रकृति का विनाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी है। पहाड़ियों, नदियों और तालाबों का अस्तित्व मिटाने की हर संभव कोशिश, माफिया और प्रशासन ने मिलकर की है। वहीं प्रदेश की संस्कृति के साथ हीनता का बोध जोड़ कर एक समृद्ध धरोहर की अनदेखी की गयी है। और अब तो अश्लीलता के प्रसार ने शर्म की सारी हदें पार कर ली है।
हमारे रोल मॉडल
 इजराइल – समान भूगोल एवं राष्ट्रीयता की भावना के कारण
          जापान  – उत्पादन के उत्कर्ष और अपनी संस्कृति के सम्मान के कारण
                     न्यूजीलैंड  – भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रकृति के संरक्षण के कारण
                                    सिंगापुर – विकास के लिए नेतृत्व और दृष्टि के कारण
अभिनव राजस्थान = समृद्धि+ प्रकृति + संस्कृति

About Dr.Ashok Choudhary

नाम : डॉ. अशोक चौधरी पता : सी-14, गाँधी नगर, मेडता सिटी , जिला – नागौर (राजस्थान) फोन नम्बर : +91-94141-18995 ईमेल : ashokakeli@gmail.com

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