अभिनव राजस्थान के बढ़ते कदम 1

2009-10 से शुरू हुए हमारे अभियान की अब तक की प्रगति कितनी है? कुछ खास नहीं। वजह? हमारी रणनीति, जिसके तहत हम इस अभियान को तीन चरणों में चलाना चाहते हैं? पहले चरण में हमें केवल अभिनव राजस्थान की धारणा को बाँटना है, इस विचार पर सहमति बनानी है। एक …

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धारणाएँ बदलें, ताकि समाधान निकले 1

कहते हैं कि लोकतंत्र में तथ्यों से अधिक धारणाएँ महत्वपूर्ण हो जाती हैं। मानवीय स्वभाव गणित के नियमों से परे होता है। आसपास के वातावरण से कई बार हम इतने प्रभावित हो जाते हैं, जैसे खोपड़ी में बसा दिमाग केवल भावनाओं से चलने वाला चुम्बक मात्र है। ऐसे में धारणाओं …

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भ्रष्टाचार की केमिस्ट्री

यह पहली बार नहीं है कि भ्रष्टाचार पर इतना हल्ला मचा है। भ्रष्टाचार आलोचकों का मनपसन्द मुद्दा हुआ करता है। एक तरह से यह फैशन सा बन गया है कि समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार बता दो, तो विवाद संक्षिप्त हो जाता है। ‘रोचक राजस्थान’ में प्रत्येक समस्या की तह …

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थूं बोल तो सरी, जुबान खोल तो सरी

बुद्धिजीवियों को आमन्त्रण अभिनव राजस्थान में बुद्धिजीवी वर्ग केन्द्रीय भूमिका में रहेगा। ऐसे में इस वर्ग की वर्तमान स्थिति और भविष्य में भूमिका पर चिंतन आवश्यक है। यह तो मानना ही पड़ेगा कि इस वर्ग की सक्रियता के बगैर कोई भी राज्य या देश विकास के पथ पर नहीं चल …

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अभिनव राजस्थान की कार्ययोजना

अभिनव राजस्थान की कार्ययोजना पिछले पृष्ठ पर आपने अभिनव राजस्थान की अवधारणा के बारे में पढ़ा है। आदर्शवादी जैसी लगती इस अवधारणा को प्रत्येक पाठक चाहेगा कि अमल होते देखा जाये। लेकिन सदियों से अविश्वास और निराशा से भरे मन को यह सहज नहीं लगता है। हमें तो यह भी …

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अभिनव राजस्थान कैसा होगा?

अभिनव राजस्थान पर हमारे पाठकों ने कई बार पढ़ा है। अवधारणा को हमने पुस्तक के माध्यम से भी राजस्थान के बुद्धिजीवियों के सामने रखा है। विद्वान मित्रों ने अपनी प्रतिक्रिया से हमारा उत्साह भी बढ़ाया है। एक बार पुन: उसी अवधारणा पर नये सिरे से लिखना आवश्यक लग रहा है, …

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उफ! ये गुलामी

जिस प्रकार आलस्य शरीर में कई प्रकार की बीमारियों का जनक है, गुलामी भी समाज में कई समस्याओं के मूल में है। और भारत में तो एक हजार वर्षों की लम्बी गुलामी रही है। हमारे राजस्थान में गुलामी के तीन स्तर रहे हैं। यहाँ के राजा भी गुलाम रह चुके। …

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अभिनव राजस्थान सार संक्षेप

अभिनव राजस्थान अवतारवाद से जनजागरण की ओर,                                    जनजागरण से स्वशासन की ओर,                                                                     स्वशासन से वास्तविक विकास की ओर हमारा लक्ष्य       –      अभिनव राजस्थान हमारा उद्देश्य     –       समृद्धि , प्रकृति और संस्कृति का संगम हमारी रणनीति   –      जनजागरण से माहौल बनाना हमारी ताकत      –      बुद्धिजीवी …

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