कुछ याद उन्हें भी कर लो !

आधुनिक राजस्थान के निर्माण में जिन्होंने अपना जीवन वर दिया. उन्हें भी तो याद करेगा- ‘अभिनव राजस्थान’ (share) कुछ नाम बताता हूँ- अर्जुन लाल सेठी, विजयसिंह पथिक, केसरी सिंह बारहट, ठाकुर गोपाल सिंह खरवा, जयनारायण व्यास, सागरमल गोपा, माणिक्यलाल वर्मा, कुम्भाराम आर्य, गोकुलभाई भट्, मोतीलाल तेजावत और गोविन्द्गुरु. एक एक …

विस्तार से पढ़े»

राजस्थान में ‘अभिनव शासन’ के लिए हमारा प्रयास शुरू

राजस्थान के प्रशासन में जो सबसे बड़ी कमी नजर आई. ‘अभिनव नागौर अभियान’ में. फाइलों को खंगालते हुए. १. राजस्थान के किसी भी विभाग का शीर्ष अधिकारी फील्ड में नहीं जाता है. हमने अभी तक किसी भी विभाग के मुखिया को जिले में नहीं देखा है. न राजस्व विभाग का, …

विस्तार से पढ़े»

जयपुर समागम की सफलता आवश्यक है !

एक प्यारा सा ख्वाब ! सच हो जाए तो……? (share) कल मैं सोच रहा था कि अगर अपने 1100 मित्र जयपुर के समागम में पहुँच जाएँ और पांच घंटे में हम राजस्थान की जनता के सामने अपना विजन रख दें, अपनी आगे की एक साल की रणनीति बता दें तो …

विस्तार से पढ़े»

नागरिक शास्त्र की प्रेक्टिकल क्लास ! सूचना के अधिकार से.

नागरिक शास्त्र की क्लास ! लोकतंत्र के एक जिम्मेदार को इन कागजों को देखकर क्या करना चाहिए ? (share) विषय- Asian Development Bank से लिए गए उधार से नागौर शहर में जल वितरण, सीवरेज और ठोस कचरा प्रबंध का कार्यक्रम- RUSDIP. सूचना के अधिकार से हमने जून 2014 तक की …

विस्तार से पढ़े»

‘अभिनव राजस्थान अभियान’ का जयपुर संगम, नवम्बर में

‘अभिनव राजस्थान अभियान’ का अगला समागम. जयपुर में, नवम्बर के आखिर में. 1100 मित्रों की उपस्थिति रहेगी. फिर शुरू होगा, प्रदेश के शासन की मोनिटरिंग का बड़ा प्रोग्राम. (share) मित्रों, नागौर जिले में हम लोग पिछले कई महीनों से शासन व्यवस्था को समझ रहे हैं, आवश्यक होने पर हस्तक्षेप कर …

विस्तार से पढ़े»

रामदेवरा के मेले में ‘अभिनव राजस्थान’ में कैसे इंतजाम होंगे ?

लाखों लोग रामदेवरा जा रहे हैं. शासन बेखबर है, पर बाबा की मेहर है ! ‘अभिनव राजस्थान’ में हमने इस बारे में क्या सोचा है ?   राजस्थान की ‘अभिनव संस्कृति’ की कार्ययोजना में हमने देशी पर्यटन को ज्यादा महत्त्व देने पर जोर दिया है. लगभग पांच करोड़ पर्यटक राजस्थान …

विस्तार से पढ़े»

भारत का भयावह भ्रम

पेंच यहीं है और गहरा है. भारत का सबसे बड़ा भ्रम, जो है सभी समस्याओं की जड़ में. आप किसी पुराने से मकान के पास से रोज गुजरते हैं. लोग इसके खिड़की दरवाजे तोड़कर ले जाते हैं, आपको कोई फर्क नहीं पड़ता. लोग यहाँ गन्दगी करते हैं, आपको क्या. आपको …

विस्तार से पढ़े»

जब संस्थाएं बन जाएँगी, आस्था और सेवा के तीर्थ

‘अभिनव राजस्थान’ में विकास के छः मंदिर. जिनमें काम और सेवा ही पूजा होगी. (share) १. विद्यालय – जहां समर्पित शिक्षक समाज के लिए आवश्यक नागरिकों का निर्माण करेंगे. २. खेत – जिसमें कर्मठ किसान और वैज्ञानिक मिलकर फसलों का उत्पादन बेहतरीन तकनीक से करेंगे और भारत की प्रकृति का …

विस्तार से पढ़े»

‘अभिनव राजस्थान’ में शासन में प्रवेश (भर्तियाँ), एकदम सरल प्रक्रिया.

पिछले कुछ दशकों से नागरिकों की जागरूकता के अभाव में व्यवस्था में जमे नेताओं और अफसरों ने अपने मनमाने तरीकों से व्यवस्था को उलझा दिया है. अनाव्श्यक निर्णय कई बार कई दशकों तक जनता को परेशान करते हैं और व्यवस्था से उसका विश्वास उठ जाता है. लम्हों की सजा सदियाँ …

विस्तार से पढ़े»

राजस्थान और भारत में जल प्रबंध की विचित्र कथा.

नागौर में पानी का प्रबंध कौन कौन कर रहा है ? नागौर ही क्या, राजस्थान में, भारत में. एक मजाक देखिये. यह भी कि सरकारें कैसे काम काम करती हैं. (share) एक विभाग है, जलदाय विभाग. दूसरा सिंचाई विभाग. तीसरा नहर विभाग. चौथा सिंचाई विभाग, पांचवा जलग्रहण विकास विभाग. छठा …

विस्तार से पढ़े»